मैं नेता बनूंगा!
देश के लिए कुछ करुं न करुं,
अपने लिए ज़रूर करूँगा!
मैं नेता बनूंगा!
क्या हुआ जो मैं अनपढ़ हूं,
बेकार हूं!
मेहनत से कमा कर खाने में लाचार हूं !
लेकिन राजनीति का तो मैं अनार हूं!
लोगों को बरगलाने में भी होशियार हूं!
शराब व शबाब का बन्दा शौक़ीन है!
आम आदमी की तरह जीने में मेरी तौहीन है!
रंग बदलने में भी माहिर हूं!
मैं अव्वल नंबर का शातिर हूं!
राजनीति में रंग जमाने को आतुर हूं!
ज़माना भले ही मुझसे परेशान है!
मेरी ताक़त को देख कर हैरान है!
सब कहते तु गुंडे-मवालियों का सरदार है!
इसलिए मुझसे पीछा छुड़ाने को बेक़रार हैं!
पर मैं ऐसा हरगिज़ नहीं होने दूंगा!
उनके वोट तो मैं लेकर ही रहूंगा!
फिर मैं अपने साथ थोड़ा सा
उनका भी तो भला करूंगा!
कुछ बदमाश जेल में होंगे!
ख़ासमख़ास पैरोल पर रिहा होंगे!
इस तरह जनता की आंख का तारा बनूंगा!
मैं नेता बनूंगा!
जो कहते हैं मैं कुछ नहीं कर सकता!
ईमानदारी के दो पैसे नहीं कमा सकता!
उनसे मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं!
कि
मैं नेताओं वाले सभी काम कर सकता हूं!
जानवरों का चारा हज़म कर सकता हूं!
मौक़ा मिलते ही धन्नासेठ बन सकता हूं!
बड़े से बड़ा घोटाला कर सकता हूं!
लोगों को आपस में लड़वा सकता हूं!
बातों से ही लोगों का ख़ून बहा सकता हूं!
अपने लिए हर हद पार कर सकता हूं!
अपने बारे में और ज़्यादा क्या कहूं!
बस इतना और कह सकता हूं!
कि
मौक़ा मिलने पर हीअपना असली रंग दिखा सकता हूं!
और दावे के साथ ये कहता हूं!
मैं एक ख़ास वर्ग वालों का चहेता हूं!
अक्सर मैं उनसे चंदा लेता हूं!
कुछ उनकी भलाई के नाम पर
तो कुछ अन्य कामों पर ख़र्च करता हूं!
बाकी मैं रख लेता हूँ!
उनके हक़ के नाम पर
मैं शानदार राजनीति करूँगा!
मैं अव्वल नंबर का शातिर हूं!
राजनीति में रंग जमाने को आतुर हूं!
ज़माना भले ही मुझसे परेशान है!
मेरी ताक़त को देख कर हैरान है!
सब कहते तु गुंडे-मवालियों का सरदार है!
इसलिए मुझसे पीछा छुड़ाने को बेक़रार हैं!
पर मैं ऐसा हरगिज़ नहीं होने दूंगा!
उनके वोट तो मैं लेकर ही रहूंगा!
फिर मैं अपने साथ थोड़ा सा
उनका भी तो भला करूंगा!
कुछ बदमाश जेल में होंगे!
ख़ासमख़ास पैरोल पर रिहा होंगे!
इस तरह जनता की आंख का तारा बनूंगा!
मैं नेता बनूंगा!
जो कहते हैं मैं कुछ नहीं कर सकता!
ईमानदारी के दो पैसे नहीं कमा सकता!
उनसे मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं!
कि
मैं नेताओं वाले सभी काम कर सकता हूं!
जानवरों का चारा हज़म कर सकता हूं!
मौक़ा मिलते ही धन्नासेठ बन सकता हूं!
बड़े से बड़ा घोटाला कर सकता हूं!
लोगों को आपस में लड़वा सकता हूं!
बातों से ही लोगों का ख़ून बहा सकता हूं!
अपने लिए हर हद पार कर सकता हूं!
अपने बारे में और ज़्यादा क्या कहूं!
बस इतना और कह सकता हूं!
कि
मौक़ा मिलने पर हीअपना असली रंग दिखा सकता हूं!
और दावे के साथ ये कहता हूं!
मैं एक ख़ास वर्ग वालों का चहेता हूं!
अक्सर मैं उनसे चंदा लेता हूं!
कुछ उनकी भलाई के नाम पर
तो कुछ अन्य कामों पर ख़र्च करता हूं!
बाकी मैं रख लेता हूँ!
उनके हक़ के नाम पर
मैं शानदार राजनीति करूँगा!
मैं नेता बनूँगा।
देश के लिए कुछ करूँ या न करूँ,
देश के लिए कुछ करूँ या न करूँ,
अपने लिए जरूर करूगां!
मैं नेता बनूँगा!
मैं नेता बनूँगा!
नोट -: ये सच है कि सारे नेता एक से नहीं होते, हमारे देश में बहुत से ऐसे नेता हुए हैं जिन्होंने अपने निजी स्वार्थों से उपर उठकर देश हित में अच्छे-2 काम किए हैं। ये नेता बहुत ही क़ाबिल थे।लेकिन आजकल ऐसे नेता कुछ कम ही हैं। दूसरी बात, देश को चलाने के लिए नेता ज़रूरी भी हैं। इसलिए कुछ ऐसे लोग भी नेता बन गए या बन रहे हैं जो किसी लायक़ ही नहीं हैं! ऐसे नेता केवल अपना ही भला देखते हैं! देश की चिंता ये बिल्कुल नहीं करते! ये व्यंग्य ऐसे ही नेताओं पर है!
अगर ब्लॉग पाठक कोई नेता हो या बनना चाहता या चाहते हों तो मेरी शुभकामनाएँ उनके साथ हैं। अच्छे नागरिकों की तरह अच्छे नेताओं की भी देश को बहुत ज़रुरत है और आम जनता भी उनका पूरा सम्मान करती है। चूँकि आप सब जानते हैं इसलिए मैं अपनी बात यहीं ख़त्म करता हूं।
धन्यवाद
बाकी मैं रख लेता हूँ ।
ReplyDeleteउनके हक़ के नाम पर ....
मैं शानदार राजनीति करूँगा ।
Bahut shaandar rachna !
Itna sundar Vyang pehle kabhi nahi padha. aapke blog par aana safal ho gaya.
Badhaii.
aaj divya ji ke blog par aaye hue comments ko padhte hue aapke blog par aana hua
ReplyDeleteAPNE SAPNON KI UDAAN DEKHKER, KHUD HI HO JATA HUN SHARMINDA. CHUMNA CHAHTA HUN AASMAN KE DAAMAN KO.................., MAIN...BANKAR......AAZAAD.......................PARINDA.
sach mein aapke blog par maujood ye lines dil le gayein
आप आज़ाद परिन्दा हैं और हम हैं "नादान परिंदा" सारे दोस्तों ने मिल कर ये नाम रखा है… :) :)
ReplyDeleteआपका ब्लाग मुझे अच्छा लगा… अपना टाइटिल जो था :)
जानवरों का चारा हज़म कर सकता हूँ ....lol...bilkul sach likha hai ....abuhat hi karara vyanga...saari 'qualities' bata di aapne....too good!
ReplyDeleteप्रशंसनीय । नोट लिखकर बात को वजनदार कर दिया ।
ReplyDeleteआज के ऐसे नेताओं पर करार व्यंग जो केवल अपना ही भला सोचते हैं...सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteसही जा रही है कविता ...
ReplyDeleteजरुर नेता बनोगे ...
आज के नेताओं पर अच्छी व्यंगात्मक रचना ...!
aaj netaaon ki bahut shakht jarurat hai is desh or samaj ko ...aap hi baniye kuch to kariye
ReplyDeleteaccha chintan hai aapka ..jise aapne vyang roop diya hai
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