24 फरवरी 2019 छोटी जोत के किसानों के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत 2 हेक्टेअर तक की जोत वाले किसानों को हर वर्ष 6 हजार रुपये दिये जाने का प्रावधान है। ये धनराशि किस्तों में दी जानी है। ये योजना 1 जनवरी 2018 से लागू की जा रही है। फिलहाल 2 हजार रुपये की पहली किस्त जारी हो चुकी है। विपक्षी दल भले ही इस योजना की आलोचना करे लेकिन ये तय है छोटे किसानों के लिहाज से ये एक शानदार कदम है। पिछले साल के 6 हजार रुपये इस साल के 6 हजार रुपयों में जोड़ दिए जाए तो इस साल इन छोटे किसानों को 12 हज़ार रुपया मिलेगा। 12 हजार रुपया कमाने के लिए किसानों को कितनी मेहनत करनी पड़ती हैॆ, जो लोग भी ये जानते हैं वे कभी भी इस योजना की आलोचना नहीं करेंगे।
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किसान |
ऋृणमाफ़ी से ज्यादा कारगर है सीधे वित्तीय सहायता
आम तौर पर राजनीतिक दल किसानों के ऋृण माफ़ करने जैसे कदम उठाते हैं। ऋण माफ़ करने का नुक़सान ये होता है कि केवल उन्हीं किसानों को लाभ मिलता है जिन्होंने ऋण ले रखा है। बचे हुए किसानों को कोई लाभ नहीं मिल पाता। इन किसानों में अपात्र किसानों संख्या भी बहुत अधिक होती है। अपात्र किसान उन किसानों को कहा जा सकता है जो जानबूझकर ऋृण नहीं देते हैं या जो बड़े किसान होते हैं जिनके पास सभी संसाधन होते हुए भी सरकारी ऋृण नहीं चुकाते। लेकिन प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में ऐसा नहीं है। सभी छोटे किसानों को वित्तीय सहायता मिलने से उन्हें राहत जरूर मिलेगी।
विपक्षी दलों को रास नहीं आई योजना
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी योजना की आलोचना कर चुके हैं। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कल कहा कि गरीब किसानों को 500 रुपये मासिक देना उनका अपमान है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम का कहना है कि 2000 रुपये किसानों को घूस दी जा रही है ताकि उनसे वोट लिए जा सकें। विपक्षी नेताओं की आलोचना उम्मीद के मुताबिक है। लिहाजा इस पर ज्यादा चर्चा की गुंजाइश नहीं बचती है।
ऐतिहासिक क्यों?
ऐतिहासिक इसलिए है कि आज भले ही 6 हजार की राशि कम लगती हो लेकिन भविष्य में ये राशि बढ़ाई भी जा सकती है। राज्य सरकारें अलग से किसानों के लिए राहत के उपाय कर सकती हैं। केंद्र और राज्य सरकारों के राहत उपायों की बदौलत किसानों की स्थिति में निश्चित रूप से सुधार होगा। 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने में मदद मिलेगी। वर्तमान सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कई बार दोहरा चुकी है।
अगर राज्य सरकारों ने भी साथ दिया तो ऐसा कोई कारण नहीं जिसकी वजह से किसानों की आय में वृद्धि न हो सके।
-वीरेंद्र सिंह
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ऋण माफ़ करने का नुक़सान ये होता है कि केवल उन्हीं किसानों को लाभ मिलता है बचे हुए किसानों को कोई लाभ नहीं मिल पाता।
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