बिजनेस टुडे माइंड रश कार्यक्रम में बोलते हुए इंफोसिस के चैयरमेन एन.आर. नारायणमूर्ति ने युवा उद्यमियों के लिए जिन प्रेरणास्पद बातों को जिक्र किया उन्हें हर किसी को जानना चाहिए।
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Screen Shot from BT MindRush Program |
1 अच्छे की उम्मीद करें और उसी के लिए काम करें लेकिन बुरी से बुरी स्थिति के लिए भी तैयार रहें!
हर व्यक्ति को सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए और अपना कर्म करना चाहिए। और हर स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। आपकी वैल्यू प्रपोजीशन (या मान लें कि कोई प्रोडक्ट है) स्पष्ट होना चाहिए। एक सरल वाक्य में अपने प्रोडक्ट को डिफाइन करने का कौशल कि आपका प्रोडक्ट या सेवा क्या है, महत्वपूर्ण होता है। इसलिए अपने वैल्यू एडीशन की डेफिनीशन यानी परिभाषा पर फोकस करें। उसे बेहतर करें।
2- अपने प्रतिद्धंद्धियों से अलग और बेहतर करें।
यूनिकनैस बनाए रखें। मतलब साफ है कि बाजार में आप तभी टिक पाओगे जब दूसरों से बेहतर और अलग होंगे। अगर आप में दूसरों से बेहतर करने का गुण नहीं है तो बाजार में टिक पाना बहुत मुश्किल होगा।
3- Lead by example अर्थात खुद के उदाहरण से अपने कर्मचारियों या जूनियरों का नेतृत्व करें।
कठिन परिश्रम, अनुशासन, संयम और नवप्रवर्तन( Innovation) के मामले में खुद का उदाहरण पेश करें। इसं सदर्भ में उन्होंने महात्मा गाँधी का जिक्र किया जिन्होंने संयम, त्याग और सादगी का जीवन जीकर लाखों करोड़ों लोगों को प्रेरित किया। जूनियर देखकर सीखते हैं कि कोई बात अगर उनके सीनियर के लिए लाभदायक है तो उनके लिए भी जरूर होगी।
4- काम की उत्पादकता यानी work productivity पर फोकस करें।
नारायणमूर्ति जी ने कहा कि वो हजारों सीओ से मिले। बिना उनकी वार्षिक रिपोर्ट पढ़े मैं यह बता सकता था कि कौनसा संगठन नीचे जा रहा है और कौनसा संगठन हैल्थी है। जिन कंपनी में समय की कोई कद्र नहीं थी वो निश्चित तौर पर नीचे जा रहा था। बिना किसी अपवाद के। क्योंकि नेतृत्वकर्ता यह नहीं दर्शा पाते थे कि वो समय को कितना महत्व देते हैं। बाकी इम्पलॉई यह सोचते हैं कि ठीक है जब हमारे सीनियरों को ही कोई परवाह नहीं है तो हमें क्या पड़ी है। नतीजा यह होता था कि Work productivity प्रभावित होती थी।
5- इनोवेशन-
नये-नये तरीकों पर काम करते रहें। बेहतर करने का प्रयास जारी रहे। इनोवेशन में सभी की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इस संदर्भ में उन्होंने एक बड़ा ही दिलचस्प किस्सा सुनाया। नारायण मूर्ति ने कहा कि उनकी पत्नी का एक बैचमैट कर्नाटक में एक कंपनी में मैनेजर नियुक्त हुआ। वह कश्मीर से था। एक दिन वो हरिहर में एक प्लांट का निरीक्षण करने गया। एक मशीन जिसे एक बुजुर्ग कर्मचारी ऑपरेट कर रहा था। वो वहां रुका और उस कर्मचारी से पूछा कि हम इस मशीन को और कैसे बेहतर कर सकते हैं। मैनेजर की बात सुनकर वो कर्मचारी रोने लगा। मैनेजर को बड़ा आश्चर्य हुआ कि शायद उसने उसे गलत तो नहीं समझ लिया क्योंकि उसने सवाल अंग्रेजी में पूछा था और फैक्टरी के जनरल मैनेजर ने उसका अनुवाद कन्नड़ में किया था। कर्मचारी बोला नहीं सर। बात यह है कि आज तक इस फैक्टरी के सभी ऑफिसरों को यह लगता है कि मेरे पास केवल दो हाथ हैं। लेकिन इस कंपनी के इतिहास में पहली बार कोई व्यक्ति आया और उसे लगा कि मेरे पास दिमाग भी है। मैंने अपनी सारी पर्सनाल्टी इस कंपनी को दे दी और मेरा दिमाग इस कंपनी को फ्री में मिला है।
नारायण मूर्ति ने कहा कि मैं आप सबसे निवेदन करता हूँ कि कृपया महसूस करें कि इनोवेशन केवल कुछ चुनिंदा लोगों का ही अधिकार नहीं है। इसमें सभी की भूमिका है।
उपर्युक्त बातों के अलावा भी उद्यमियों को प्रेरित करने वाली उन्होंने बहुत सी प्रेरणास्पद बातें कहीं।
1- अच्छे वक्त में भी ऐसे विहेव करें जैसे वक्त अभी बुरा है! मुश्किल दिन गुजरेंगे और अच्छे दिन आएंगे।
उन्होंने कहा कि जब में इंफोसिस में था हमारा एक सिद्धांत था कि अच्छे वक्त को भी आप मुश्किल वक्त मानकर विहेव करें क्योंकि ऊँचे स्तर से नीचे स्तर पर आना बहुत मुश्किल होता है। ऊँचे स्तर पर जाने के लिए हम बहुत मेहनत करते थे और जब एक बार ऊपर स्तर अभ्यस्त हो जाते हैं तो बहुत मुश्किल होता है। इसलिए संयम बहुत जरूरी है। उदाहरण के लिए इंफोसिस में हमने तय किया था कि जब तक हमारा रेवन्यु 2 बिलियन डॉलर और 100 मिलियन डॉलर की नेट इन्कम पर नहीं पहुँच जाते तब हम इकॉनमी क्लास में ही ट्रवैल करेंगे।
2- मार्केट के साइज के आकलन पर फोकस करें।
भारत में एक कमजोरी यह है कि हम मार्केट के साइज का उचित आकलन करने में सक्षम नहीं है। आप निवेशकों से जितना चाहे पैसा लगवा सकते हैं। यह आपकी होशियारी है। लेकिन याद रखिए कि जीवन में कुछ भी मुफ्त नहीं है। यदि आप दूसरों से आज पैसा लोग तो वो भी आपसे रिटर्न चाहेंगे। इसलिए बेहतर होगा कि मार्केट साइज का बेहतर आकलन करे। साथ ही साथ रेवन्यु और खर्च का भी आकलन सही से करें। अगली बात यह है कि कृपया बेस्ट टैलंट हायर करने पर फोकस करें। एक प्रफेशनल में दो गुण होने चाहिए। पहला क्षमता और दूसरा है वैल्यू। अच्छे और बुरे वक्त में केवल वही सफल रहेगा जिसमें ये दोनों गुण होंगे।
नाराणयमूर्ति ने एक और शानदार बात कही। उन्होंने कहा कि इंफोसिस पर हम एक बात में विश्वास रखते हैं कि Under Promise and Over Deliver. इसका मतलब यह है कि आप कम का वादा करे लेकिन डिलीवरी ज्यादा की करें। इससे विश्वास बढ़ता है। और विश्वास किसी भी संबंध में सबसे महत्वपूर्ण गुण है।
बहुत अच्छी-अच्छी जीवनोपयोगी बातें
ReplyDeleteआदरणीय कविता जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। सादर।
Deleteसभ्य और शालीन प्रतिक्रियाओं का हमेशा स्वागत है। आलोचना करने का आपका अधिकार भी यहाँ सुरक्षित है। आपकी सलाह पर भी विचार किया जाएगा। इस वेबसाइट पर आपको क्या अच्छा या बुरा लगा और क्या पढ़ना चाहते हैं बता सकते हैं। इस वेबसाइट को और बेहतर बनाने के लिए बेहिचक अपने सुझाव दे सकते हैं। आपकी अनमोल प्रतिक्रियाओं के लिए आपको अग्रिम धन्यवाद और शुभकामनाएँ।