मॉनसून शुरू होते ही कयास लगने लगते हैं कि आज बारिश होगी कि नहीं। रिकॉर्डतोड़ उमस वाली गर्मी इंसान को इतना बैचेन कर देती है कि वो इतनी बार सांस नहीं लेता जितनी बार इंटरनेट पर चैक करता है कि आज बारिश की संभावना कितने फीसदी है? खुद तमाम वेबसाइटों पर चैक करने के बाद भी जान-पहचान वालों से कंफर्म करता है कि आज बारिश होगी कि नहीं। वैसे ये जानकारी तो मौसम विभाग भी देता है! लेकिन लोगों को इस पर इतना ही भरोसा है जितना नेताओं पर होता है! मॉनसून आने के कई हफ्ते पहले मौसम विभाग घोषणा करने लगता है कि फलां तारीख को दिल्ली में झमाझम बदरा बरसेंगे! लोग बैचेनी के साथ उस तारीख का इंतज़ार करते हैं! नियत तारीख को बारिश नहीं होती है तो मौसम विभाग फिर से एक नयी तारीख दे देता है। और इस तरह तारीख़ पर तारीख़ मिलती है! अपडेट पर अपडेट आते हैं लेकिन बारिश नहीं आती! लिहाजा मौसम विभाग में लोगों का भरोसा उतना ही है जितना भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को अपनी टीम के खिलाड़ियों पर होता है कि चल भी सकते हैं और नहीं भी! वैसे मौसम विभाग की ग़लती भी कोई ना है! सीधी सी बात है कि बारिश का डिपार्टमंट है भगवान इंद्र देव के पास! इंद्रदेव जहाँ रहते हैं वहाँ किसी की पहुँच है नहीं। सैटेलाइट के माध्यम से जो आधी-अधूरी जानकारी मिलती है मौसम विभाग उसी के आधार पर घोषणा करता है कि फलाँ तारीख को कहाँ बारिश हो सकती है!
![]() |
सांकेतिक चित्र |
अब सवाल उठता है कि इस आधी-अधूरी जानकारी की क्या वजह है? दरअसल भगवान इंद्रदेव के डिपार्टमंट का हाल भारत के किसी भी सरकारी दफ्तर की तरह ही हो रखा है! कुछ हिसाब ही नहीं है! कहीं इतनी बारिश करा देते हैं कि बाढ़ आ जाती है। कहीं लोग परेशान हैं क्योंकि बारिश की एक बूँद तक नहीं पड़ती है! किससे कहे? कहाँ फरियाद लेकर जाए? इंद्रदेव सामने प्रकट हो जाए तो दिल का हाल सुना दिया जाए! लेकिन इंद्रदेव जी के पास और भी बहुत से काम होगें मसलन पालनकर्ता श्री हरि विष्णु को डेली रिपोर्ट भी देनी होती होगी! हो सकता है कि भगवान विष्णु ने उन्हें और भी दूसरी जिम्मेदारियाँ दे रखी हों! फिर उन्हें भारत ही नहीं संपूर्ण पृथ्वी का ख्याल रखना पड़ता है! ये बिल्कुल भी आसान काम नहीं है! कुलमिलाकर इंद्रदेव जी घने व्यस्त हो रखे होंगे। ऐसा मानने के पर्याप्त कारण हैं!
(ads1)
इसलिए कायदे से होना यह चाहिए कि इंद्रदेव जी का आधार कार्ड बनाया जाए! इससे यह फायदा होगा कि उन्हें एक मोबाइल नंबर मिल जाएगा! स्मार्ट फोन की सुविधा हो जाएगी! उनके दफ्तर में संचार के आधुनिक उपकरण होंगे! फिर कोई भी आसानी से उन तक अपनी बात पहुँचा सकेगा! जहाँ बारिश की जरूरत नहीं है लोग आसानी से इंद्रदेव और उनके डिपार्टमंट के लोगों को सूचित कर दिया करेंगे कि हमारे इलाके में पानी की जरूरत ना है! बारिश बंद हो जाया करेगी। वहीं जिन इलाकों में बारिश की जरूरत है वहाँ की सूचना भी उन तक आसानी से पहुँच जाया करेगी!
कुलमिलाकर इंद्रदेव और उनके दफ्तर के आधुनिकीकरण से लोगों के साथ-साथ मौसम विभाग को भी बड़ी राहत मिलेगी! स्वयं इंद्रदेव को भी पृथ्वीवासियों की तरक्की का अनुभव मिलेगा। इंटरनेट जैसे अद्भुत चमत्कार का लाभ मिलेगा। पृथ्वीवासियों की बेहतर सेवा करने में उन्हें बहुत आसानी होगी जिससे वो(पृथ्वीवासी) संतुष्ट होंगे। उन्हे भगवान इंद्रदेव से इससे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए! इसलिए हे UIDAI वालों! जल्द से जल्द भगवान इंद्रदेव का नामांकन कराओ ताकि उनका भी आधार कार्ड तैयार हो सके! धन्यवाद!
- वीरेंद्र सिंह
बात तो सही है । लेकिन स्मार्ट फोन के कारण फेसबुक पर बिज़ी हो जाएंगे तो कुछ भी सही न हो पायेगा । ऐसी संभावना भी है ।
ReplyDeleteब्लॉग पर आने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार। आपने बिल्कुल सही कहा। यह संभावना भी है! सादर।
Deleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (10-7-22) को "बदलते समय.....कच्चे रिश्ते...". (चर्चा अंक 4486) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
------------
कामिनी सिन्हा
आदरणीय कामिनी सिंहा जी..आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। चर्चा-अंक का हिस्सा बनना बेहतर करने की प्रेरणा देगा। पुन: आपका बहुत-बहुत आभार। सादर।
Deleteमुझे तो बेचारे इन्द्र देव पर तरस आ रहा है .....
ReplyDeleteब्लॉग पर आने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार! अगर इन्द्रदेव जी हम इंसानो पर तरस खाए तो उनका आधार कार्ड बनवाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी!
Deleteमौसम भी बदल गया इंसानी फितरत सा
ReplyDeleteजी..सही कहा है आपने! ब्लॉग पर आने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार!
Deleteअभी कुछ दिन पहले हमने भी फेसबुक पर लिखा था कि दिल्ली वाले ट्रक क्रेन किसी से भी मुंबई से बारिश ले जाए यहाँ ज्यादा हो रही है :)
ReplyDeleteब्लॉग पर आने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार। आपने बिल्कुल सही लिखा था!
Deleteव्यंग्य तो सटीक है आपका वीरेंद्र जी।
ReplyDeleteबहुत दिन बाद आए सर। आपका बहुत-बहुत आभार।
Deleteशानदार व्यंग्य! कथन संयोजन लाजवाब।
ReplyDeleteबस चिंता एक ही है मोबाइल मिलने पर हमारे इंद्र देव कुछ और लापरवाह न हो जाए।
आपकी चिंता अपनी जगह सही है! ब्लॉग पर आने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार।
Deleteआप सभी की प्रोत्साहन भरी टिप्पणियां मेरे लिए अमूल्य हैं। इसी तरह के प्रोत्साहन की आवश्यकता आगे भी होगी। इसलिए आप आगे भी आते रहिएगा। आप एक बार फिर से बहुत बहुत धन्यवाद।
ReplyDeleteवीरेन भाई, स्मार्ट फोन होने से हमारे इंद्र देवता व्यस्त तो हो जाएंगे लेकिन तकनीकी सुविधा के कारण पृथ्वी वासियो की समस्याओं का निराकरण भी कर पाएंगे ऐसा मुझे लगता है। काश, सचमुच हमारे सारे देवताओं के पास स्मार्टफोन होता और हम हमारी समस्याएं उनको बता पाते। सटीक व्यंग।
ReplyDeleteसभ्य और शालीन प्रतिक्रियाओं का हमेशा स्वागत है। आलोचना करने का आपका अधिकार भी यहाँ सुरक्षित है। आपकी सलाह पर भी विचार किया जाएगा। इस वेबसाइट पर आपको क्या अच्छा या बुरा लगा और क्या पढ़ना चाहते हैं बता सकते हैं। इस वेबसाइट को और बेहतर बनाने के लिए बेहिचक अपने सुझाव दे सकते हैं। आपकी अनमोल प्रतिक्रियाओं के लिए आपको अग्रिम धन्यवाद और शुभकामनाएँ।