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कंफर्ट जोन से बाहर आना जरूरी। |
बहुत से लोगों की मूल प्रवृत्ति अपनी वर्तमान परिस्थितियों को अपने कंफर्ट जोन में बदल कर उसी में संतुष्ट रहने की होती है। हालांकि वे असंतुष्ट तो होते हैं लेकिन इतने प्रेरित नहीं होते कि कुछ अतिरिक्त प्रयास करें। जब कोई उन्हें उनके कंफर्ट जोन से बाहर आकर कुछ अतिरिक्त या अलग प्रयास करने को प्रेरित करता है तो वो व्यक्ति उन्हें फूटी आँख नहीं सुहाता। वहीं अगर कोई शख़्स अपने कंफर्ट जोन से बाहर आकर कुछ अतिरिक्त प्रयास करता है तो निश्चित रूप से उस व्यक्ति की वर्तमान स्थिति में बदलाव आता है और वो बदलाव अक्सर सकारात्मक ही होता है।
माइकल जॉन बोबाक ने कहा था कि -"सभी तरह की उन्नति आपके कंफर्ट जोन के बाहर होती है।"
(All Progress Takes Place outside the comfort zone - Michael John Bobak)
कंफर्ट जोन के संबंध में कुछ और महानुभावों ने भी लिखा है।
'जीवन आपके कंफर्ट जोन के बाहर ही शुरू होता है।'
"Life begins at the end of your comfort zone"- Neale Donald walsch
"कंफर्ट जोन एक बहुत ही सुंदर स्थान है लेकिन वहां कुछ उगता नहीं।" -अज्ञात
"सारे जादू आपके कंफर्ट जोन के बाहर हैं।" -अज्ञात
"बदलाव आपके कंफर्ट जोन के बाहर शुरू होते हैं।" - अज्ञात
सवाल उठता है कि यह कंफर्ट जोन है क्या? कंफर्ट जोन(Comfort Zone) मतलब ऐसी स्थिति जिसमें कोई शख्स किसी काम को करते हुए सुरक्षित और उस काम को आसान समझता है और उसे ही पसंद करने लगता है। उदाहरण के लिए एक मिस्टर 'रवि' है। रवि ने हाल ही में एक कंपनी ज्वॉइन की है। रवि उस कंपनी में कस्टमर केयर इग्ज़ेक्युटिव है। रवि ने कंपनी ज्वॉइन करते वक्त सोचा था कि वो एक साल तक इस कंपनी में इसी पद पर काम करेगा। इससे ज्यादा समय तक नहीं। लेकिन एक साल गुजरने के बाद भी वो अपने इसी पद पर बना रहा। उसे न तो इस कंपनी में प्रमोशन मिला और न ही उसने दूसरी जगह ट्राई किया। इसके उलट उसे जितनी सैलरी मिल रही थी उसी में संतुष्ट रहकर इस जॉब को करता रहा। इस तरह एक ही प्रकार के जॉब को करते हुए संतुष्ट रहने का मतलब होता है कि वर्तमान जॉब रवि का कंफर्ट जोन बन चुका है और वह अपने कंफर्ट जोन में काम कर रहा है और अब इस कंफर्ट जोन से बाहर आने के लिए भरपूर प्रयास करने को तैयार नहीं है। इसके लिए उसे किसी को मोटिवेट यानि प्रेरित करना होगा कि भैया अगर यहाँ प्रमोशन मिलने के अवसर नहीं बन पा रहे हैं तो दूसरी जगह ट्राई करो और अपने टैलंट का भरपूर इस्तेमाल करो। अब तुम्हारे पास पहले से ज्यादा अनुभव है लिहाजा अपने अनुभव के दम पर तुम बेहतर सैलरी और सुविधा पाने के हकदार हो लेकिन उसके लिए तुम्हें हाथ-पैर मारने होंगे। सबसे पहले अपनी कंपनी के एचआर(HR) को अपनी इच्छा से अवगत कराओ। अगर तुम्हारी कंपनी तुम्हारा प्रमोशन करने में हिचकिचा रही है या अनिच्छुक है तो अन्य लोगों से संपर्क करना होगा। दूसरी जगह जाकर साक्षात्कार देने होंगे। थोड़े-घने प्रयास से निश्चित तौर पर तुम्हें बेहतर अवसर प्राप्त हो सकते है। तुम्हारी योग्यता और अनुभव के अनुसार बेहतर सैलरी मिल सकती है। निश्चित तौर पर तुम पहले से ज्यादा संतुष्ट हो सकते हो। लेकिन इसके लिए शर्त यही है कि पहले आप अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलने की इच्छा पैदा करो। अपने आपको विश्वास दिलाओ कि अब तुम बड़ी जिम्मेदारी को निभाते हुए और बेहतर सैलरी और सुविधाओं को पाने के अधिकारी हो और हर हाल में ऐसा करोगे। जब तक अपनी काबिलियत के हिसाब से काम नहीं तलाश लोगे तब तक रूकोगे नहीं। जाहिर है कि ऐसी इच्छा शक्ति आप को आपके कंफर्ट जोन से बाहर आने को मजबूर कर देगी। आपको अतिरिक्त प्रयास करने को प्रेरित करेगी। निश्चित ही आप प्रयास करेंगे तो मनमुताबिक नतीजे आएंगे ही।
हम में से न जाने कितने लोग ऐसा काम कर अपनी गुजर-बसर करते हैं जो हमारी काबिलियत के हिसाब से सही नहीं है लेकिन चूँकि उस काम को करते-करते हम उसे अपना कंफर्ट जोन बना बैठे हैं उससे बाहर आने में लगने वाले अतिरिक्त प्रयास के कष्ट को हम सहने को तैयार नहीं है और जो मिल रहा है उसी में संतुष्ट रहते हैं। यहीं पर ऐसे लोगों की आवश्यकता होती है जो योग्य व्यक्तियों को उनके कंफर्ट जोन से बाहर आकर कुछ बेहतर करने के लिए प्रेरित कर सके। उन्हें समझा सके को जो आप पा रहे हैं आप उससे बेहतर पाने के अधिकारी हैं। बस आपको थोड़ा सा अतिरिक्त प्रयास करना होगा।
अब मैं आपके साथ एक सत्य घटना शेयर करने जा रहा हँ। जनवरी 2019 में मेरी मुलाकात एक ऐसे युवा से हुई जिसने नोएडा में रहते हुए लव मैरिज कर ली थी। उसके परिजन को इस बारे में कुछ भी पता नहीं था। अब खर्च चलाने के लिए उसने उसी कंपनी में गार्ड की नौकरी कर ली जिसमें मैं काम कर रहा था। जब मेरा उससे परिचय हुआ तो आदतन मैंने उसे कुछ बेहतर करने के लिए प्रेरित किया। उसने बताया था कि वो ग्रेजुएट है। मैंने उससे उसकी आर्थिक हालत के बारे में सबकुछ जानने के बाद उसे एक कोर्स करने करने की सलाह दी। उसने कोर्स करने के लिए गार्ड की नौकरी छोड़ दी इसके बदले उसने जोमेटौ कंपनी ज्वॉइन कर ली। वो दिन में 2 बजे तक क्लास अटैंड करता। और बाद में 2 बजे से लेकर रात के 12 बजे तक जोमेटौ के ग्राहकों को खाने की होम डिलीवरी करता। कोरोना शुरू होने से कुछ समय पहले उसकी उसी कंपनी में नौकरी लग गयी जिसमें वो कभी गार्ड का काम करता था। गार्ड के रूप में उसे कट कटा कर तकरबन 12 हजार रुपये मिलते थे। उस कंपनी में एक में इंप्लायी के तौर पर कार्य करने पर 18 हजार मासिक से शुरुआत हुई। चूँकि कंपनी प्रतिष्ठित है तो अन्य लाभ भी मिलते हैं। आज भी मैं उसके टच में हूँ। पूरे कोरोना काल के दौरान उसे सैलरी मिलती रही। वो आज बेहद खुश है।
ऐसा इसलिए हो सका क्योंकि उसने अपने कंफर्ट जोन से बाहर आकर अतिरिक्त प्रयास किया। अगर उसने ऐसा नहीं किया होता तो शायद वो आज भी किसी कंपनी में गार्ड ही होता। यह लेख लिखने का सिर्फ एक ही उद्देश्य है कि हम कोई भी हैं, कुछ भी काम करते हैं हमें हर हाल में अपनी योग्यता का सम्मान करते हुए कार्य करना चाहिए। अर्थात योग्यता के हिसाब से काम करना चाहिए। अगर आपको यह लगता है कि आप और भी बेहतर के अधिकारी हैं तो उस बेहतर को पाने के लिए अपने कंफर्ट जोन से बाहर आकर प्रयास शुरू करने ही होंगे। इसके लिए अतिरिक्त ट्रेनिंग लेनी पड़े तो लें। जो कुछ बन पड़ता है वो करें लेकिन हर हाल में उसे पाने का सपना न छोड़़े जो आप पाना चाहते और जिसके आप वाकई में हकदार भी हैं।
-वीरेंद्र सिंह
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (03-09-2022) को "कमल-कुमुद के भिन्न ढंग हैं" (चर्चा अंक-4541) (चर्चा अंक-4534) पर भी होगी।
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कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपका बहुत-बहुत आभार सर। सादर प्रणाम।
Deleteसभ्य और शालीन प्रतिक्रियाओं का हमेशा स्वागत है। आलोचना करने का आपका अधिकार भी यहाँ सुरक्षित है। आपकी सलाह पर भी विचार किया जाएगा। इस वेबसाइट पर आपको क्या अच्छा या बुरा लगा और क्या पढ़ना चाहते हैं बता सकते हैं। इस वेबसाइट को और बेहतर बनाने के लिए बेहिचक अपने सुझाव दे सकते हैं। आपकी अनमोल प्रतिक्रियाओं के लिए आपको अग्रिम धन्यवाद और शुभकामनाएँ।